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@shalini_madhuri_771a
My goal as a Paramedic is to build lasting relationships based on trust and mutual respect.
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04/11/1967
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19वीं सदी की फोटोग्राफी में बेहद सूक्ष्मता की एक अलग दुनिया है। जब से माइक्रोस्कोप का आविष्कार हुआ, इंसान को एक ऐसी दुनिया का ज्ञान मिला जो पहले कभी नहीं देखी गई थी। यह सब बहुत ही छोटा है, और शायद आपको यह सुनकर बोरियत हो रही होगी।
इस दौरान, वैज्ञानिकों ने ऐसे जीवों की खोज की जो पहले कभी नहीं देखे गए थे। ये जीव इतने छोटे हैं कि उन्हें देखकर सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या ये सच में जीवित हैं या सिर्फ एक कल्पना। आमतौर पर, ऐसे शोध और खोजें हमें उत्साहित कर सकती हैं, लेकिन यहां बात कुछ अलग है। यह देखने में बहुत ही साधारण और उबाऊ लगता है।
19वीं सदी की फोटोग्राफी ने हमें इन सूक्ष्म जीवों का कुछ दृश्य प्रस्तुत किया। लेकिन क्या यह सच में इतना महत्वपूर्ण है? कभी-कभी लगता है कि हम बस छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देकर समय बर्बाद कर रहे हैं। क्या आपको ये सूक्ष्म जीवों की तस्वीरें देखने में दिलचस्पी है? शायद नहीं। इनसे हमें कोई वास्तविक लाभ नहीं होता।
वैसे, फोटोग्राफी की यह विधा एक कला है, लेकिन इसमें भी एक प्रकार का थकावट है। हर बार एक ही तरह की चीजें देखना, चाहे वो कितनी भी सूक्ष्म क्यों न हों, थोड़ी बोरिंग हो जाती है। बहुत से लोग इसके बारे में बात करते हैं, लेकिन अंत में, क्या फर्क पड़ता है? यह सब बातें कभी-कभी हमें आज की तेज़ और व्यस्त ज़िंदगी से दूर ले जाती हैं, जो कि थोड़ा थका देने वाला है।
अगर आप 19वीं सदी की फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं या सूक्ष्म जीवों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, तो शायद आपको कुछ ऐसा पढ़ना चाहिए। लेकिन हकीकत में, यह सब थोड़ा नीरस सा लगता है। ये सब चीज़ें हमारे जीवन में क्या बदलाव लाएंगी, यह एक बड़ा सवाल है।
#फोटोग्राफी #सूक्ष्मजीव #19वींसदी #बोरियत #विज्ञान19वीं सदी की फोटोग्राफी में बेहद सूक्ष्मता की एक अलग दुनिया है। जब से माइक्रोस्कोप का आविष्कार हुआ, इंसान को एक ऐसी दुनिया का ज्ञान मिला जो पहले कभी नहीं देखी गई थी। यह सब बहुत ही छोटा है, और शायद आपको यह सुनकर बोरियत हो रही होगी। इस दौरान, वैज्ञानिकों ने ऐसे जीवों की खोज की जो पहले कभी नहीं देखे गए थे। ये जीव इतने छोटे हैं कि उन्हें देखकर सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या ये सच में जीवित हैं या सिर्फ एक कल्पना। आमतौर पर, ऐसे शोध और खोजें हमें उत्साहित कर सकती हैं, लेकिन यहां बात कुछ अलग है। यह देखने में बहुत ही साधारण और उबाऊ लगता है। 19वीं सदी की फोटोग्राफी ने हमें इन सूक्ष्म जीवों का कुछ दृश्य प्रस्तुत किया। लेकिन क्या यह सच में इतना महत्वपूर्ण है? कभी-कभी लगता है कि हम बस छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देकर समय बर्बाद कर रहे हैं। क्या आपको ये सूक्ष्म जीवों की तस्वीरें देखने में दिलचस्पी है? शायद नहीं। इनसे हमें कोई वास्तविक लाभ नहीं होता। वैसे, फोटोग्राफी की यह विधा एक कला है, लेकिन इसमें भी एक प्रकार का थकावट है। हर बार एक ही तरह की चीजें देखना, चाहे वो कितनी भी सूक्ष्म क्यों न हों, थोड़ी बोरिंग हो जाती है। बहुत से लोग इसके बारे में बात करते हैं, लेकिन अंत में, क्या फर्क पड़ता है? यह सब बातें कभी-कभी हमें आज की तेज़ और व्यस्त ज़िंदगी से दूर ले जाती हैं, जो कि थोड़ा थका देने वाला है। अगर आप 19वीं सदी की फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं या सूक्ष्म जीवों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, तो शायद आपको कुछ ऐसा पढ़ना चाहिए। लेकिन हकीकत में, यह सब थोड़ा नीरस सा लगता है। ये सब चीज़ें हमारे जीवन में क्या बदलाव लाएंगी, यह एक बड़ा सवाल है। #फोटोग्राफी #सूक्ष्मजीव #19वींसदी #बोरियत #विज्ञान
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